कवर्धा। जिले में आदिवासी युवती से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार को गोड़वाना समाज पार्टी और भीम आर्मी ने संयुक्त रूप से 15 सूत्रीय मांगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट घेराव के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने अंबेडकर चौक के पास ही बैरिकेट्स लगाकर उन्हें रोक दिया।
करीब 700 पुलिस जवानों की तैनाती के बीच कार्यकर्ताओं ने वहीं गृहमंत्री का पुतला दहन कर विरोध जताया। प्रदर्शन को भीम आर्मी का समर्थन भी मिला।
प्रदर्शनकारियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कई प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें —
- आदिवासी युवती से दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा,
- आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई,
- प्रतापगढ़ (कामठी) में मंदिर में तोड़फोड़ और झंडा हटाने की घटना पर कार्रवाई,
- डोंगरगढ़ बमलेश्वरी मंदिर में आदिवासी पूजा पर दर्ज FIR को शून्य घोषित करना,
- आदिवासी परंपराओं और प्रतीकों की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।
इस प्रदर्शन में सर्व विशेष पिछड़े संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कामू बैगा, कई कार्यकर्ता और भीम आर्मी के सदस्य भी मौजूद रहे।
मामला क्या है
हाल ही में कबीरधाम जिले के कवर्धा में एक आदिवासी युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों — जितेंद्र खरे (22), नसीम अहमद उर्फ छोटू (25) और मोहम्मद सरफराज उर्फ सफ्फू (21) को गिरफ्तार किया था।
पकड़े गए आरोपियों का पुलिस ने जुलूस निकाला, जिसके दौरान लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। भीड़ ने आरोपियों को जूते-चप्पल की माला पहनाने की कोशिश की। लोगों ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
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