भिलाई, छत्तीसगढ़। शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर लोगों को करोड़ों रुपये का लालच देकर धोखा देने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पति-पत्नी भी शामिल हैं। आरोपियों ने एक साल में पैसा दोगुना करने का झांसा देकर करीब 12 करोड़ रुपये की ठगी की।
आरोपी खुद को निवेश सलाहकार बताते थे और बिना किसी सरकारी मंजूरी के नकली कंपनियां बनाकर लोगों से पैसे जमा कराते थे। असल में ये पैसा शेयर बाजार में लगाया ही नहीं गया, बल्कि पुराने निवेशकों को नए लोगों के पैसों से भुगतान कर भरोसा बनाए रखा गया।
कैसे हुआ खुलासा?
इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब भिलाई के करण शर्मा नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनसे और उनके साथियों से मिलाकर करीब 66 लाख रुपये की ठगी की गई। इस शिकायत पर स्मृति नगर चौकी और सुपेला थाना पुलिस ने जांच शुरू की और मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
मुख्य आरोपी स्नेहांशु नामदेव (37 साल) और उसकी पत्नी डाली नामदेव (35 साल), साथ में निशा मानिकपुरी (26 साल), धातरी कोसरे (24 साल) और उसका दोस्त शुभम गुप्ता (25 साल) को पुलिस ने पकड़ा है।
कैसे चल रहा था फर्जीवाड़ा?
स्नेहांशु नामदेव और उसकी टीम ने निशा बिजनेस कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड और यूनिक इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन नाम से दो फर्जी कंपनियां खोल रखी थी। इन कंपनियों का न तो SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) और न ही RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) से कोई रजिस्ट्रेशन था।
वे लोगों को हर महीने 20% से 40% तक का मुनाफा देने का वादा करते थे और नकली निवेश दस्तावेज बनाकर व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों को भेजते थे। असल में इन कंपनियों ने किसी भी पैसे को शेयर बाजार में निवेश नहीं किया। लोगों से लिया गया पैसा सिर्फ एक-दूसरे को देकर घुमाया जाता था, जिससे लोगों को लगता रहा कि उनका पैसा बढ़ रहा है।
क्या-क्या जब्त हुआ?
पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग एक करोड़ रुपये की कीमती सामान जब्त किया है। इसमें टाटा कर्व कार, हार्ले डेविडसन बाइक, स्कूटी, सोने-चांदी के गहने, लैपटॉप, कंप्यूटर, महंगे मोबाइल, नकद पैसे, फ्लैट के कागजात और निवेश से जुड़े रजिस्टर, बैंक पासबुक और चेकबुक शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले में अभी और लोगों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। साथ ही, ठगे गए पैसे और संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है।






