अंबिकापुर। नवरात्र पर्व के मौके पर अंबिकापुर शहर में गरबा-डांडिया कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। इस कार्यक्रम के लिए यूट्यूबर एल्विश यादव को बुलाया गया था। लेकिन हिंदूवादी संगठनों के विरोध और प्रदर्शन के कारण कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। एल्विश यादव को बिना कार्यक्रम किए ही शहर छोड़ना पड़ा।
कैसे शुरू हुआ विवाद
कार्यक्रम अंबिकापुर के होटल पर्पल ऑर्किड में आयोजित होना था। आयोजकों ने इसका पूरा इंतजाम किया था। उन्होंने एल्विश यादव को बुलाने के लिए करीब 20 लाख रुपये का भुगतान किया और हजारों लोगों के लिए एंट्री पास भी जारी किए। लोग गरबा और एल्विश यादव दोनों को देखने के लिए उत्साहित थे। लेकिन जैसे ही यह खबर फैली कि एल्विश यादव गरबा-डांडिया कार्यक्रम में आ रहे हैं, शहर में विरोध शुरू हो गया। हिंदूवादी संगठनों के युवा और कार्यकर्ता कार्यक्रम के खिलाफ सड़क पर उतर आए।
पोस्टर जलाए और नारेबाजी की
विरोध में शामिल लोगों ने होटल पर्पल ऑर्किड के बाहर नारेबाजी की। उन्होंने एल्विश यादव के पोस्टर फाड़कर जलाए। उनका कहना था कि गरबा और डांडिया हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है। लेकिन आयोजक इसे सिर्फ पैसे कमाने के लिए व्यावसाय बना रखे हैं। इससे परंपरा का अपमान हो रहा है और अश्लीलता फैला रहे हैं।
ज्ञापन और चेतावनी
संगठनों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन भी सौंपा और ऐसे आयोजनों पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं होगा।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
भारी विरोध और प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने होटल और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया। लेकिन भीड़ के दबाव के कारण आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द करने का निर्णय लिया।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एल्विस यादव का विरोध, होटल में भी घुसने नहीं दिया गया। डांडिया नृत्य के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित थे लेकिन वापस लौटना पड़ा। pic.twitter.com/unodvA0TR9
— Roman Tiwari (@romantiwari5) September 27, 2025






